राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पर्यावरण संरक्षण सम्मान सें सम्मानित डॉ गयासउद्दीन हाशमी एवं पीपल मैन डॉ सिंह।Hashmi
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पर्यावरण संरक्षण सम्मान सें सम्मानित डॉ गयासउद्दीन हाशमी एवं पीपल मैन डॉ सिंह।
दिल्ली में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने का एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें पीपल मैन डॉ. सिंह और पर्यावरण प्रेमी डॉ. गयासउद्दीन हाशमी को "पर्यावरण संरक्षण सम्मान" से नवाजा गया। यह कार्यक्रम सनातन शोध संस्थान द्वारा आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सक्रिय योगदान देने वालों को सराहना करना है।
डॉ. सिंह, जिन्हें "पीपल मैन" के नाम से जाना जाता है, ने पिछले कई सालों में हजारों पीपल के पेड़ लगाए हैं। उनका मानना है कि पेड़ न केवल वायुमंडल को शुद्ध करते हैं, बल्कि जीवों के लिए भी जीवनदायिनी होते हैं। उनके प्रयासों के कारण कई क्षेत्रों में हरियाली बढ़ी है, जिससे स्थानीय पर्यावरण में सुधार हुआ है।
कार्यक्रम में डॉ. सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "हर एक पेड़ हमारे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। हमें इसे बचाने और बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए।"वहीं, डॉ. गयासउद्दीन हाशमी ने भी पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह जल संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कार्यरत हैं। उनके द्वारा स्थापित कई जागरूकता अभियान और कार्यशालाएं लोगों को पर्यावरण के प्रति सजग करने में सहायक सिद्ध हुई हैं। डॉ. हाशमी ने कहा, "पर्यावरण को बचाना हमारी जिम्मेदारी है। हमें अपने कार्यों के प्रति सचेत रहना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ पृथ्वी छोड़ सकें।"इस अवसर पर अनेक गणमान्य स्वामी रामेश्वरानन्द जी (न्यूरो सर्जन), राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. श्री अविनाश जायसवाल जी, वरिष्ठ प्रचारक रा. स्वयंसेवक संघ, इकबाल सिंह लालपुरा, राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग,डॉ. राकेश जैन, राष्ट्रीय सह संयोजक पर्यावरण संरक्षण गतिविधि,श्री श्याम सुन्दर राठी, प्रसिद्ध जल वैज्ञानिक पानी, पद्मश्री जितेन्द्र सिंह शंटी, अध्यक्ष भगत सिंह सेवा दल,एच.ई. डॉ. परविन्दर सिंह, अम्बेसडर-यू.एन.ओ.,अन्य व्यक्तियों, छात्रों और स्थानीय निवासियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करने के लिए प्रेरित करना था। आयोजकों ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम किया जा सके।इस सम्मान के जरिए ना केवल डॉ. सिंह और डॉ. हाशमी के कार्यों को मान्यता मिली, बल्कि यह भी दर्शाया गया कि समाज के हर वर्ग को पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
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