Manrega-मनरेगा में लूट की मची छूट. रोजगार सेवक लगा रहे हैं श्रमिकों की फर्जी हाजिरी किया जा रहा है भ्रष्टाचार
मनरेगा में लूट की मची छूट. रोजगार सेवक लगा रहे हैं श्रमिकों की फर्जी हाजिरी किया जा रहा है भ्रष्टाचार
डुमरियागंज विकास खंड अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में चल रहे मनरेगा कार्यों को लेकर हमेशा मीडिया की सुर्खियों में बना रहता है
ताजा मामला ग्राम पंचायत परसा जमाल का है जहाँ ग्राम पंचायत में 01आई डी चल रहा है जिसमें 118 श्रमिकों का फर्जी मास्टर रोल भरा जा रहा है आई डी सं0 - 3151010104/ LD/958486255824445480 द्वारा परसा मुर्तजा से सागर रौजा सरहद तक सड़क के दोनों तरफ पटरी मरम्मत का कार्य चल रहा है कार्य में 118 श्रमिकों का मास्टर रोल जारी किया गया है परन्तु सुदर्शन चैनल टीम की पड़ताल में दूर- दूर तक कहीं एक भी श्रमिक नहीं पाये गये यहाँ केवल कार्य मनरेगा योजना के अन्तर्गत सिर्फ कागजों में चल रहा है ,
ग्राम पंचायत परसा जमाल में ही 118 श्रमिकों का फर्जी मास्टर रोल भरा जा रहा है सचिव ग्राम पंचायत परसा जमाल को फोन करने पर उन्होंने बताया कि हम सैकड़ों किलोमीटर दूर बुलंदशहर में विभागीय प्रशिक्षण करने आये हैं और मेरी गैरमौजूदगी में अगर 118 श्रमिकों का मास्टर रोल जारी करवा लिया गया है तो यह नियम विरुद्ध है मै फर्जी मास्टर रोल भरने नहीं दूंगा
यहाँ मनरेगा कार्य सिर्फ कागजों में ही चल रहा है
जबकि ग्राम पंचायत परसा जमाल में सुबह 09:40 मिनट से दोपहर 12 बजे तक न्यूज चैनल की टीम रही उपरोक्त परियोजना/ कार्य स्थलों पर कहीं कोई कार्य नहीं चलता दिखाई दिया स्थानीय लोगों भी बताया कि हमारे ग्राम पंचायत में इस समय कहीं कोई कार्य मनरेगा या अन्य योजना के अन्तर्गत भी नहीं चल रहा है जबकि मास्टर रोल में 01 कार्य अंकित है
इस कार्य पर 118 श्रमिकों का मास्टर रोल भरा जा रहा है। यह कार्य सिर्फ कागजों में ही चल रहा है। ग्राम पंचायत परसा जमाल में 118×230 = 27140( सत्ताईस हजार एक सौ चालीस)रूपये सरकारी धन का यहाँ 01 ग्राम पंचायत में 01 दिन में दुरूपयोग किया जा रहा है धन है .स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि एक बार में 07 दिन से लेकर 14 दिन तक का मास्टर रोल निकाले का प्राविधान है इस तरह से 230×118 =27140 रुपये एक दिन का है और *27140×14= 379990 रूपये 14 दिनों का मास्टर रोल जारी किया गया है
(तीन लाख उन्यासी हजार नौ सौ नब्बे )रूपये के दुरूपयोग किये जाने की लोगों द्वारा संभावना व्यक्त किया जा रहा है
ऐसे में आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि शासकीय धन का किस तरह से दुरूपयोग किया जा रहा है, आखिर किस के इशारे पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है जबकि केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त करने की दावा करती है ग्राम पंचायत परसा जमाल सहित अधिकतर ग्राम पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा अगर जमीनी स्तर पर इसकी पड़ताल कर ली जाए तो भ्रष्टाचार की कलाई परतदार परत खुलकर सामने आने लगेगी जो लोग गांव में कभी कार्यस्थल पर नहीं जाते उनके नाम पर भी हाजिरी लगा दी जाती है ग्राम पंचायत में नियुक्त रोजगार सेवक द्वारा फर्जी हाजिरी लगा दिया जाता है तकनीकी सहायक द्वारा फर्जी एम. बी .कर दिया जाता है और मजदूरों के खाते में पैसा भिजवाकर निकलवा लिया जाता है और उनको 500 से 600 रूपये पकड़ा दिया जाता है सबसे बड़ी बात यह है कि फर्जी मनरेगा योजना में हो रहे कार्य स्थल पर शुरू होने और समाप्त होने व परियोजना पर ब्यय किये गए धन की कहीं कोई साइन बोर्ड नहीं लगा है जिससे यहां नहीं पता हो पता कि इस परियोजना पर कितने दिन, कितने श्रमिको को कितना रुपया का भुगतान हुआ इस योजना में सरकारी धन का खूब बंदर बांट हो रहा है
मनरेगा योजना में हो रहे भ्रष्टाचार के जिम्मेदार इसमें रोजगार सेवक की जिम्मेदारी होती है कि वह एन.एम.एम एस. द्वारा फर्जी हाजिरी लगाते हैं उसके बाद तकनीकी सहायक की जिम्मेदारी होती है कि वह फर्जी एम. बी .कर देते हैं और प्रधान व सचिव की जिम्मेदारी भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है पैसा स्वीकृत होकर श्रमिकों के खाते में पहुंच जाता है
मनरेगा योजना में घोटाले बाजों की जड़े हैं बहुत गहरी व मजबूत मनरेगा योजना में घोटाले बाजों की जड़े इतनी मजबूत है कि किसी भी ग्रामीण में इतनी हिम्मत नहीं होती की खुलकर इसका विरोध कर सके अगर किसी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो उसकी हर तरह से इतना प्रताड़ित व पीड़ित कर दिया जाता है कि वह थक हार कर घर पर बैठ जाता है
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस समय मनरेगा द्वारा कहीं कोई भी कार्य नहीं चल रहा है दो तीन दिन पहले 20 रुपये मीटर की दर से 02 मजदूर लगाकर कदम के पेड़ से पुल तक रोड के केवल एक तरफ का घास छिलवा दिया गया था
और कुछ दिनों पहले परसा मुर्तजा पिच रोड से अमृत सरोवर तक चक रोड को रोटाबेटर से जुतवाकर 10 रूपये मीटर की दर से ठीका चक रोड समतल करने के लिए दिया गया था
स्थानीय लोगों ने जांच कर
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने , व फर्जी मनरेगा मजदूरों की हाजिरी को शून्य कराने का मांग किया
इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए ज्यादा जानकारी के लिए डी सी मनरेगा रविशंकर पान्डेय जी को फोन करने पर
उनका मोबाइल नाट रिचेबुल बताया
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