पेयजल जल लाइन क्षतिग्रस्त करने वाले दबंगों पर कार्रवाई नहीं
पेयजल जल लाइन क्षतिग्रस्त करने वाले दबंगों पर कार्रवाई नहीं
रिपोर्ट - सुरेंद्र दत्त जोशी/ब्यूरो चीफ उत्तराखंड
चकराता ब्लॉक के अंतर्गत जल जीवन मिशन के तहत बनी सावरा पेयजल लाइन का विवाद गहराता जा रहा है बतातें चलें कि विगत 14 जून को गांव के ही कुछ दबंग लोगों द्वारा एक पाइप तोड़कर पेयजल लाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था जिसकी लिखित रूप से नामजद शिकायत देकर सावरा के मझिया खेड़ा के हाल निवासी सरदार सिंह खन्ना द्वारा उप जिलाधिकारी चकराता एवं अधिशासी अभियंता पेयजल निगम को अवगत कराया गया और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई थी।
जिस पर उपजिलाधिकारी चकराता ने संयुक्त टीम द्वारा जांच कर दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने के दिशा निर्देश दिए थे। इस खबर को मीडिया ने प्रमुखता से चलाया था जिसका कुछ असर भी देखने को मिला।
संयुक्त जांच टीम द्वारा 26 जुलाई को इस संबंध में मौके पर जाकर संयुक्त निरीक्षण किया गया, जिसमें की सार्वजनिक एवं सरकारी संपत्ति की श्रेणी में आने वाली पेयजल लाइन को क्षतिग्रस्त करने संबंधी आरोपों की पुष्टि हुई है।
तमाम प्रक्रियाएं चलने के उपरांत अधिशासी अभियंता पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम द्वारा एक आदेश पारित कर संबंधित विभागीय अधिकारियों को 1 अगस्त 2024 को मौके पर जाकर क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन एवं संयोजन जोड़ने तथा नियमानुसार कानूनी कार्यवाही करने के लिए कहा गया और आखिरकार 1 जुलाई को विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन को जोड़ा गया जिसके बाद पीड़ित पक्ष को पेयजल उपलब्ध कराया गया किन्तु दोषियों के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद विभागीय अधिकारियों एवं ग्रामीणों के बीच लम्बी बैठक चली और इस दौरान जैसे ही मीडिया ने बैठक को कवर करना शुरू किया तो कुछ ग्रामीणों द्वारा आवेश में आकर बैठक को कवर करने से रोका गया और अभद्रता करते हुए कैमरे से कवर की गई वीडियो डिलीट करने के लिए दबाव बनाने लगे और काफी देर तक बैठाए रखा इस संबंध में मीडिया द्वारा थाना चकराता में लिखित तहरीर भी दी गई है। इस घटना को आप तस्वीरों में भी साफ देख सकते हैं। इसके बावजूद भी मीडिया के द्वारा ग्रामीणों को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया लेकिन ऑन रिकॉर्ड कोई भी बोलने को तैयार नहीं हुआ। थोड़ी देर बाद कुछ राजस्व उप निरीक्षक भी बैठक में पहुंचे और ग्रामीणों से क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन को लेकर चर्चा की।
यहां पर भी यह प्रश्न खड़ा होता है कि पेयजल लाइन को जोड़ तो दिया गया है लेकिन दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने में जिम्मेदार अधिकारी अपने हाथ पीछे खींच रहे हैं और सच्चाई छुपा कर मनगढ़ंत कहानियां बनाई जा रही है ताकि पूर्व में की गई अपनी गलतियों पर भी पर्दा डाला जा सकें।
एक और जहां पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम के अधिशासी अभियंता रविंद्र बिष्ट के सावरा पेयजल योजना को 1 वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत को हस्तगत करने की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर खंड विकास अधिकारी चकराता ने इसे सिरे से नकार दिया और कहा कि न तो उक्त पेयजल योजना को ग्राम पंचायत को स्थानांतरित किया गया है न ही पेयजल लाइन ग्राम पंचायत के परिसंपत्ति रजिस्टर में दर्ज है ।
अब आप समझ सकते हैं कि मामले को किस प्रकार से इधर से उधर मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। मामले को लेकर एसडीम चकराता से भी फोन पर वार्ता की गई वहीं तो उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की तरफ से शिकायतकर्ता सरदार सिंह खन्ना के विरुद्ध भी एक शिकायती पत्र जिलाधिकारी देहरादून को दिया गया है जिस पर संबंधित विभागों के अधिकारियों को 10 दिन के भीतर गहनता से जांच कर उचित कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है यहां पर यह कहना भी उचित प्रतीत होता है कि जिन-जिन बिंदुओं पर ग्रामीणों ने शिकायती पत्र देकर जांच की मांग की है उस पर भी गहनता से जांच हो ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके । लेकिन बड़ा सवाल यहां पर यह पैदा होता है कि जिस होम स्टे को लेकर ग्रामीणों ने शिकायत की है उसके लिए जमीन यहीं के स्थानीय निवासी द्वारा दी गई है जो अभी निर्माणाधीन है और इसी जमीन से लगते क्षेत्र में बिना स्वीकृति व अनुमति के जेसीबी मशीन द्वारा मुख्य मार्ग से अवैध रूप से काटी गई सड़कों और अतिक्रमण कर अवैध रूप से किए गए निर्माण कार्यों पर भी क्या संबंधित अधिकारीयों द्वार जांच कर शिकंजा कसा जाएगा या अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ कर इसी प्रकार एक दूसरे विभाग के पाले में गेंद डालकर मामले को रफा दफा कर दिया जाएगा। यह आने वाले समय में देखने वाली बात होगी। मीडिया द्वारा जुटाए गए तमाम सबूतों व अन्वेषण के आधार पर संबंधित प्रकरण में कुछ अधिकारियों की संलिप्तता भी नजर आ रही है।
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