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लखवाड़ बांध प्रभावित/विस्थापित एसटी/एससी जन कल्याण समिति के नेतृत्व में बांध प्रभावित गांवों का सघन भ्रमण

लखवाड़ बांध प्रभावित/विस्थापित एसटी/एससी जन कल्याण समिति के नेतृत्व में बांध प्रभावित गांवों का सघन भ्रमण 


सुरेंद्र दत्त जोशी , UK/कालसी

कालसी तहसील के अंतर्गत लखवाड़ बांध प्रभावित क्षेत्र के ग्रामों का, लखवाड़ बांध प्रभावित/विस्थापित, एससी/ एसटी जनकल्याण समिति के बैनर तले समिति के अध्यक्ष जगमोहन सिंह चौहान, उपाध्यक्ष अमीर सिंह चौहान, सचिव नरेंद्र सिंह तोमर एवं संयोजक भजन सिंह तोमर पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख कालसी ने बांध प्रभावितों की समस्याओं की जानकारी के लिए सघन भ्रमण किया। 

यमुनापुल लखवाड़, सेवरी, गुनाठ, लक्सियार, होते हुए लुधेरा बांध प्रभावित ग्राम में काफी संख्या में बांध प्रभावित उपस्थित थे, यहां पर एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें प्रभावित ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं समिति के सामने रखी, सबसे मुख्य समस्या की तरफ आकर्षित करते हुए लूधेरा निवासी माया राम पंडित ने बताया कि अनुग्रह अनुदान राशि जो निकट समय में सरकार द्वारा दी जानी है, उसके लिए सम्बंधित विभागों की एक संयुक्त समिति गठित की गई है जिसके द्वारा पूर्व में अधिग्रहण की गई भूमि की परिसंपत्तियों का मौके पर सत्यापन/गणना आदि करनी है, क्योंकि आज से 30 वर्ष पहले हमारी भूमि तो सरकार ने ले ली थी लेकिन हमारी उस भूमि पर स्थित परिसंपत्तियों का भुगतान आज तक नहीं किया गया,उन परिसंपत्तियों में सत्यापन के लिए जाना बहुत विकट समस्या है क्योंकि बहुत ऊंची ऊंची झाड़ियां, जहरीला घास प्राकृतिक रूप से उगा हुआ है, जब तक झाड़ी कटान नहीं होगा तब तक परिसंपत्तियों की जांच होना बहुत मुश्किल है।

समिति के संयोजक भजन सिंह तोमर ने उपस्थित ग्रामीणों को बताया कि आप लोग अपनी संपत्ति जिसका आपको भुगतान होना है, सत्यापन कमेटी के सामने अपनी संपत्तियों को भली भांति दिखाएं जिससे आपको भुगतान हो सकेगा। 

समिति के मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उपस्थित बांध प्रभावितों को बताया कि अगर आपकी कोई आपत्ति है या आपकी कोई बात कमेटी नहीं मान रही है तो आप लोग लिखित रूप से प्रार्थना पत्र दे सकते हैं, समिति के उपाध्यक्ष अमीर सिंह चौहान ने बांध प्रभावितों को परिसंपत्तियों के निरीक्षण के समय सभी को उपस्थित रहने का आव्हान किया।

उपस्थित बांध प्रभावितों को समिति के अध्यक्ष जगमोहन सिंह चौहान ने बताया कि हम समस्त क्षेत्र का भ्रमण करके आपके गांव में आए हैं जो समस्या आप लोगों ने बताई है वही समस्या पूरे क्षेत्र में है झाड़ी कटान कहीं भी नहीं हो पाया है अभी तक प्राकृतिक रूप से उगी हुई कांटेदार और घनी झाड़ियां सब जगह है रास्ते नहीं बनाए गए हैं जबकि यह कार्य जल विद्युत निगम का है जो स्थिति हमारी संपत्तियों की 30 वर्ष पहले जब भूमि का अधिग्रहण बांध के लिए किया गया था जो स्थिति उस समय हमारी परिसंपत्तियों की थी वैसे ही आज जल विद्युत निगम को हमें करके देनी चाहिए तभी हम लोग ठीक ढंग से अपनी परिसंपत्तियों की जांच करवा पाएंगे, उस समय कार्यदाई संस्था सिंचाई विभाग थी उन्होंने नोटिस देकर के समस्त बांध विस्थापितों को भूमि छोड़कर चले जाने के लिए कहा था और यह कहा था कि बहुत जल्द ही एक वर्ष के अंदर आपकी परिसंपत्तियों का भुगतान कर दिया जाएगा, आज 30 वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो चुका है लेकिन अब तक हमें भुगतान नहीं हुआ। 

हमारे बार-बार प्रार्थना करने पर भी जल विद्युत निगम बरसात में सत्यापन सर्वे का कार्यक्रम करवाना चाह रही थी जिसका इन्होंने 2 अगस्त से रोस्टर भी चालू कर दिया था हमारे संज्ञान में जब यह बात आई तो हमने तत्कालीन जिलाधिकारी महोदया को वस्तु स्थिति से अवगत करवाया जिसके फल स्वरुप उन्होंने अक्टूबर में या नवंबर में इस कार्य को करवाने के लिए हमें आश्वासन दिया था और दो अगस्त से हो रहे सर्वे को रोक दिया था लेकिन अभी बरसात खत्म भी नहीं हुई थी झाड़ियां भी नहीं काटी गई, पैदल मार्ग भी ध्वस्त है, जो स्थिति माह अगस्त में थी वही स्थिति आज भी है जबकि लाखों रुपए का टेंडर होने के बाद भी झाड़ी कटान नहीं हो रहा है, बेवजह किसानों को परेशान किया जा रहा है जो बहुत गलत है।



जगमोहन सिंह चौहान ने बताया कि उनके द्वारा जिला प्रशासन और तहसील प्रशासन को झाड़ी कटान करवाने के बारे में वस्तु स्थिति से अवगत करवा दिया गया है और लिखित में निवेदन किया गया है इसके बावजूद भी झाड़ी कटान नहीं हो रहा, इसीलिए 7 अक्टूबर को यमुना पुल लखवाड़, 14 अक्टूबर को गुनाहट खेड़ा धनपौउ, 15 अक्टूबर को ग्राम पंचायतों क्रमशः खाडी, लक्सियार के खेड़ो और इसके बाद दिनांक 16 को लूधेरा, के खेड़ो मे भी सत्यापन नहीं हो पाया, कारण झाड़ी कटान ना होना और रास्तों का निर्माण न होना था। 

उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया की जब झाड़ी कटान पूरा हो जाएगा तभी सर्वे सुचारू रूप से हो सकेगा इसलिए आप लोग झाड़ी कटान होने तक सब्र बनाए रखें। कहा कि जिला प्रशासन और तहसील प्रशासन को वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाएगा।अन्य ग्रामीणों के साथ बांध पर प्रभावित अजय तोमर ने भी आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम द्वारा झाड़ी कटान के लिए लाखों रुपए की निविदाएं आमंत्रित की गई थी, लेकिन बावजूद उसके अभी तक जिन संपत्तियों का सत्यापन होना है वहां पर झाड़ी कटान नहीं होने के कारण वहां जाना बहुत मुश्किल है, जब तक झाड़ी कटान नहीं होगा तब तक परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करना बहुत कठिन हैं इस दौरान बांध विस्थापित  क्षेत्र के ग्राम प्रधान दर्शन सिंह चौहान, ईश्वर सिंह चौहान, खीम सिंह तोमर, दिनेश तोमर, दर्शन लाल, रणबीर तोमर, शशिपाल, जवाहर सिंह चौहान, सोहनलाल नोटियाल, खजान सिंह तोमर, राजेंद्र सिंह रणवीर सिंह, प्रदीप उनियाल, नन्नू दास, शशि दास, गंभीर दास आदि कई लोग उपस्थित थे

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