एकलव्य विद्यालय के शिक्षकों का धरना व क्रमिक अनशन जारी, अभिभावकों का ऐलान इस हालात में विद्यालय नहीं भेजेंगे पाल्यों को
एकलव्य विद्यालय के शिक्षकों का धरना व क्रमिक अनशन जारी, अभिभावकों का ऐलान इस हालात में विद्यालय नहीं भेजेंगे पाल्यों को
ब्यूरो चीफ सुरेंद्र दत्त जोशी
भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा देहरादून जनपद के कालसी में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय के संविदा शिक्षक - शिक्षिकाओं एवं मैट्रन को मनमाने ढंग से 30 मई 2024 को एक षड्यंत्र के तहत एकतरफी कार्रवाई कर कार्य मुक्त करने का प्रकरण गरमाने लगा है। जबकि अन्य राज्यों की एकलव्य विद्यालय समितियों द्वारा पहले ही न्यूनतम 2 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों को नियमित कर लिया गया है परंतु उत्तराखंड एकलव्य विद्यालय संगठन समिति द्वारा उदासीनता बढ़ते जाने के कारण सभी संविदा शिक्षकों व कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है। जिसको लेकर सभी शिक्षक 5 जून 2024 से एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के प्रवेश द्वार पर अनिश्चितकालीन धरना जारी है। और अब एक कदम और आगे जाकर सचिन चमोली व कीर्ति नेगी क्रमिक अनशन पर बैठ गए। शिक्षकों का यह भी कहना है कि वह लोग विद्यालय की स्थापना से ही विगत 13 वर्षों से इस प्रतिष्ठित आवासीय विद्यालय में समर्पण भाव से अपनी सेवाएं दे रहे हैं और समर्पित भाव से रात दिन एक करके एकलव्य विद्यालय कालसी को एक नया मुकाम देकर भारत के समस्त एकलव्य विद्यालयों में पहले स्थान पर स्थापित करने में अपना योगदान दिया।परंतु 30 मई 2024 को अचानक से सभी संविदा शिक्षकों शिक्षिकाओं व मैट्रन को एकलव्य विद्यालय संगठन समिति व विद्यालय प्रशासन के द्वारा एक तरफा मनमाने ढंग से कार्य मुक्त कर नौकरी से निकाल दिया गया। जिसके चलते यह सभी बेरोजगार हो गए और अब हालात यह हो गए कि इन सभी के सामने अपने परिवार माता-पिता एवं बाल बच्चों के भरण पोषण को लेकर संकट उत्पन्न हो गया है।
इस गतिरोध के चलते शनिवार को सैकड़ो अभिभावकों ने विद्यालय पहुंचकर शिक्षकों की मांगों को अपना समर्थन देते हुए इस विद्यालय की प्राचार्य शशि कला कठैत से भी इस प्रकरण को लेकर वार्ता की, जिसमें प्राचार्य ने उच्च अधिकारियों के स्तर से इसके आदेश होने की बात कही।
अभिभावक गणों के द्वारा इस प्रकरण को लेकर एकलव्य विद्यालय संगठन समिति, विद्यालय प्रशासन व संबंधित उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया गया जिसमें कहा गया कि एकलव्य विद्यालय संगठन समिति कुशल रूप से विद्यालय का संचालन नहीं कर पा रही है जिसके कारण अभिभावक गण अपने पाल्यों को तब तक विद्यालय में नहीं भेजेंगे जब तक की शिक्षकों की मांगों पर उचित कार्यवाही नहीं की जाती, अभिभावकों द्वारा यह भी कहा गया कि यदि 10 दिन के अन्दर शिक्षकों की बहाली व उनके नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई तो उनके द्वारा अब विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और समस्त अभिभावकों तथा समस्त जनता द्वारा व्यापक जन आंदोलन किया जाएगा जिसके लिए एकलव्य विद्यालय संगठन समिति और विद्यालय प्रशासन वह संबंधित उच्च अधिकारी जिम्मेदार होंगे। बताते चलें कि यह प्रकरण कोई नया नहीं है पिछले कुछ वर्षों से लगातार कालसी स्थित एकलव्य विद्यालय संचालन में षड्यंत्र केअवरोध उत्पन्न किया जा रहा है सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जनजाति निदेशालय में पदस्थ निदेशक स्तर के अधिकारी पर पूर्व में भी विद्यालय संचालन में अवरोध उत्पन्न करने के गंभीर आरोप लग चुके हैं।
बता दें कि एकलव्य विद्यालय एक आवासीय विद्यालय है जिसमें बच्चों की सुरक्षा भी एक बहुत बड़ी चिंता है 1 जुलाई से ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विद्यालय खुल जाएगा, जबकि विद्यालय के 17 शिक्षक धरने पर बैठे हैं ऐसे में विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों पर इसका सीधा प्रभाव पढ़ना भी अवश्यंभावी है। एकलव्य विद्यालय संगठन समिति के द्वारा अब छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। विद्यालय गेट परिसर पर स्थित धरना स्थल पर पूर्व छात्रों के अभिभावक एवं स्थानीय अभिभावक मौजूद रहे वहीं दूसरी ओर लगातार धरने पर बैठे अनीता रावत, सुमन, सचिन चमोली, अतुल काला, सुनील सिंह सजवाण, देवेश पंवार ,चंद्र मोहन शर्मा, चंद्र मोहन रावत, कीर्ति नेगी, रीना रावत, मनीष प्रधान, वर्तिका बिष्ट, विपिन शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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